इस वजह से हुई ऋषि कपूर की मृत्यु, हुआ था ये खतरनाक कैंसर, जानें पूरी डिटेल

इस वजह से हुई ऋषि कपूर की मृत्यु, हुआ था ये खतरनाक कैंसर, जानें पूरी डिटेल

सेहतराग टीम

बॉलीवुड के दिग्गज कलाकारों में से एक और अपनी एक्टिंग से दिलों पर राज करने वाले बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर का गुरुवार सुबह पौने नौ बजे निधन हो गया है। बुधवार रात सांस लेने में परेशानी के कारण ऋषि कपूर को एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली।  ऋषि कपूर कैंसर से पीड़ित थे, जिसके चलते उनकी मौत हुई। वह हर साल इसकी जांच और इलाज करवाने के लिए अमेरिका जाया करते थे। सुबह में अमिताभ बच्चन ने ट्वीट कर जानकारी दी कि ऋषि कपूर का निधन हो गया है और इस खबर से मैं टूट चुका हूं। आइए जानते हैं कि उन्हें कौन सा कैंसर था जिसके कारण उनकी मौत हुई और यह कितना खतरनाक है?

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क्या है यह कैंसर?

ऋषि कपूर ल्यूकेमिया नामक कैंसर से पीड़ित थे। उन्हें करीब 2 साल पहले ल्यूकेमिया कैंसर हुआ था। वह इसके इलाज के लिए अमेरिका भी गए थे और उनका अभी तक इलाज चल रहा था। यह खतरनाक कैंसर किसी को भी हो सकता है। इसके इलाज और इससे बचने के जरूरी है कि आपको इसकी जानकारी हो। आइए आगे जानते हैं कि ल्यूकेमिया कैंसर क्या है, यह कितना खतरनाक है और इसके लक्षण वैगरह क्या हैं?

क्या होता है ल्यूकेमिया?

ल्यूकेमिया एक खतरनाक कैंसर है। ल्यूकेमिया ब्लड में होने वाला ऐसा कैंसर है जो ब्लड सेल्स की कई अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं में हो सकता है। वैसे तो शरीर में रेड ब्लड सेल्स और वाइट ब्लड सेल्स ही पाई जाती है लेकिन इसके अलावा प्लेटलेट्स भी मौजूद होती हैं जो ब्लड सेल्स को मेंटेन रखने में बड़ी भूमिका निभाती हैं। डॉक्टरों की मानें तो ल्यूकेमिया विशेष रूप से वाइट ब्लड सेल्स को ही प्रभावित करता है। यही वजह है कि ल्यूकेमिया कैंसर की चपेट में आने वाले इंसान की वाइट ब्लड सेल्स इस कैंसर का निशाना बनती है और इंसान का सही समय पर इलाज न किया जाए तो वह मर जाता है।

​इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है

जैसा कि आपको ऊपर बताया जा चुका है कि ल्यूकेमिया कैंसर वाइट ब्लड सेल्स को ही प्रभावित करता है। वाइट ब्लड सेल्स पूरी बॉडी की इम्यून सिस्टम का बहुत बड़ा हिस्सा होता है। इम्यून सिस्टम हमें कई प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस, फंगी और संक्रमण से बचाने का काम करते हैं। वहीं, ल्यूकेमिया की चपेट में आने के बाद इंसान के शरीर की वाइट ब्लड सेल्स ठीक तरह से काम नहीं करते और उसका इम्यून सिस्टम भी बुरी तरह से कमजोर हो जाता है। फिर यह सामान्य कोशिकाओं की तरह ही व्यवहार करने लगती हैं जिसके कारण इंसान को कई अन्य प्रकार की बीमारियां भी बड़ी आसानी से अपना शिकार बना लेती है।

ऋषि कपूर ने इसलिए करवाया था बोन मैरो ट्रांसप्लांट

ऋषि कपूर के बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बारे में आप यही सोच रहे होंगे कि उनकी मौत इसी कारण हुई, लेकिन ऐसा नहीं है! डॉक्टरों के अनुसार वाइट ब्लड सेल्स का बहुत ज्यादा हिस्सा बोन मैरो में ही बनता है। जैसा कि आपको पता है यह कैंसर वाइट ब्लड सेल्स को ही अपना निशाना बनाता है। यही वजह है कि डॉक्टरों के द्वारा ऋषि कपूर का किया गया ताकि उनके शरीर से इस कैंसर को बाहर निकालने में मदद मिल सके। इसके अलावा भी वाइट ब्लड सेल्स लिंफ नोड्स, स्पलीन और थायमस ग्लैंड में बनती हैं।

यह हैं जोखिम कारक

ल्यूकेमिया ज्यादातरऐसे लोगों को होता है जिनकी कोई फैमिली हिस्ट्री होती है यानी जिनके घर में पहले से कोई ऐसी बीमारी पीड़ित हो या रहा हो। इसके अलावा ज्यादा स्मोकिंग करने से भी ल्यूकेमिया होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं दुसरे रिस्क फैक्टर्स की बात करें तो जेनेटिक डिसऑर्डर, ब्लड डिसऑर्डर, कीमोथेरेपी या रेडिएशन (जो किसी कैंसर की इलाज के दौरान हुई हो), किसी हाई लेवल का रेडिएशन और बेंजीन जैसे केमिकल के एक्सपोजर में आने के बाद भी ल्यूकेमिया कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है।

​ल्यूकेमिया कैंसर के लक्षण क्या हैं?

  • अत्यधिक पसीना, विशेष रूप से रात में
  • थकान और कमजोरी जो आराम करने से भी दूर नहीं जाती
  • ऐसे ही वजन कम होना
  • हड्डी में दर्द और कमजोरी
  • दर्द रहित सूजन (विशेषकर गर्दन और बगल में)
  • लीवर और स्प्लीन का बढ़ना
  • त्वचा पर लाल धब्बे
  • बुखार या ठंड लगना
  • बार-बार कोई भी संक्रमण हो जाना

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​​इसका इलाज कैसे किया जा सकता है?

ल्यूकेमिया का इलाज कई प्रकार से किया जाता है। इसके इलाज की प्रक्रिया ऐसे डॉक्टरों के द्वारा संपन्न होती है जो ब्लड डिसऑर्डर और कैंसर के स्पेशलिस्ट होते हैं। ट्रीटमेंट के दौरान कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन (जिसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट भी कहा जाता है) और बायोलॉजिकल/इम्यून थेरेपी का सहारा लिया जाता है। इन्हें अपनाते हुए किसी भी प्रकार के लिए कमियों को ठीक करने की हरसंभव कोशिश की जाती है और कुछ मरीज इससे बड़ी जल्दी ठीक भी हो जाते हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूई के रेसलर रोमन रेंस को भी ल्यूकेमिया कैंसर हुआ था जो इलाज के बाद ठीक हो गए थे।

 

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